अज्ञेय की कविता "सबेरे उठा तो " का तेलुगु अनुवाद और उस पर आप की व्यख्या के लिए नमन- नमन-नमन...डॉ. श्रीनिवास राव जी!!!!!!!!!
अज्ञेय जन्मशती समारोह में श्रीनिवास जी की कविता सुनकर सभा में आनंद-उल्लास छा गया है ...
वेंकटेशवर जी और राधेश्याम शुक्ल जी ने उन्हें प्रशंशा की !!!!