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Saturday, August 17, 2013
दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा में स्वतंत्रता पर्व संपन्न
दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा में स्वतंत्रता पर्व संपन्न
हर कीमत पर आजादी की रक्षा के लिए संकल्पबद्ध हों – प्रो.दिलीप सिंह
हैदराबाद, 15 अगस्त 2013.
स्वतंत्रता दिवस हमें यह याद दिलाता है कि जिस राष्ट्रीय आजादी का हम आज स्वच्छंद उपभोग कर रहे हैं उसे इस देश ने लंबे संघर्ष और भीषण यातनाओं के बाद प्राप्त किया है. संघर्षों का यह इतिहास इस दृष्टि से अनोखा है कि एक ओर हमारे किशोर और युवा क्रांतिकारियों ने उपनिवेशी शासन को सशस्त्र चुनौती दी तथा दूसरी ओर सहनशीलता की चरमसीमा तक अहिंसक आंदोलन ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की इस भावना को प्रमाणित कर दिखाया कि अत्याचारी व्यवस्था को भी अहिंसा की ताकत के सामने आखिरकार झुकना ही पडता है. इस संघर्ष की समस्त गाथा तमाम भारतीय भाषाओं के साहित्य में और लोक की स्मृतियों में सुरक्षित है. आवश्यकता है कि हमारी नई पीढ़ियाँ साहित्य में निहित इस राष्ट्रीय चेतना को आत्मसात करें और मिली हुई आजादी की हर कीमित पर रक्षा के लिए संकल्पबद्ध हों.
ये उद्गार स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर उच्च शिक्षा और शोध संस्थान, दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा के कुलसचिव प्रो.दिलीप सिंह ने आंध्र सभा में मुख्य अतिथि के रूप में ध्वजारोहण के पश्चात अपने संबोधन में प्रकट किए. इस समारोह में चवाकुल नरसिंह मूर्ति, शेख मोहम्मद कासिम, शेख जमीला बेगम विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुए.
67 वें स्वतंत्रता पर्व के तहत आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि द्वारा महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुई. इसके बाद ध्वज स्तंभ के समक्ष पूजा का सांस्कृतिक अनुष्ठान संपन्न हुआ और ध्वजारोहण के पश्चात अतिथियों ने अपने उद्बोधनात्मक विचार व्यक्त किए. छात्र-छात्राओं ने राष्ट्र चेतनापरक गीत प्रस्तुत किए. समारोह में सभा के विभिन्न विभागों के व्यवस्थापक, प्राध्यापक, कार्यकर्ता और छात्र उत्साहपूर्वक सम्मिलित हुए.
आरंभ में आंध्र सभा के सचिव सी.एस.होसगौडर ने मुख्य अतिथि का स्वागत-सत्कार किया. संयोजन प्रो.ऋषभदेव शर्मा ने किया तथा धन्यवाद डॉ.के.बी.मुल्ला ने दिया.
प्रस्तुति : डॉ.जी.नीरजा, सह संपादक ‘स्रवन्ति’, प्राध्यापक, उच्च शिक्षा और शोध संस्थान, दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा, हैदराबाद – 500004, मोबाइल – 09849986346, ईमेल – neerajagkonda@gmail.com
स्वतंत्रता दिवस की चित्रावली
Wednesday, August 14, 2013
Monday, August 12, 2013
हिंदी प्रचारक प्रशिक्षण महाविद्यालय-हैदराबाद में वार्षिकोत्सव संपन्न
हिंदी प्रचारक प्रशिक्षण महाविद्यालय-हैदराबाद में वार्षिकोत्सव संपन्न
हैदराबाद 16 जुलाई 2013
दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा
द्वारा संचालित हिंदी प्रचारक प्रशिक्षण महाविद्यालय-हैदराबाद के प्रांगण में
वार्षिकोत्सव 16 जुलाई 2013 को संपन्न हुआ।इस कार्यक्रम के अध्यक्ष के रूप
में दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा-आंध्र शाखा के सचिव सी.एस.होसगौड़र, मुख्य अतिथि
के रूप में दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा-आंध्र की अध्यक्ष एम.सीतालक्ष्मी,विशेष अतिथि के रूप में दक्षिण भारत
हिंदी प्रचार सभा-आंध्र शाखा के अपर सचिव एस.राधाकृष्णन, दूरस्थ शिक्षा निदेशालय-हैदराबाद
केन्द्र के सहायक निदेशक शंकरसिंह ठाकूर और शिक्षा महाविद्यालय-हैदराबाद के प्राचार्य डॉ.के.बी.मुल्ला और हिंदी प्रचारक प्रशिक्षण महाविद्यालय के
प्राचार्य प्रमोद बालकृष्ण परीट पधारे।
कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती दीप प्रज्वलन से हुआ।छात्राध्यापिकाओं ने
स्वागत गीत से अतिथियों का स्वागत किया।
इस कार्यक्रम के संयोजक
एवं हिंदी प्रचारक प्रशिक्षण महाविद्यालय के प्राचार्य प्रमोद बालकृष्ण परीट ने
सत्र 2012-2013 का प्रतिवेदन प्रस्तुत
किया और छात्रों को आशीर्वाद दिया।
विशेष अतिथिगण डॉ.के.बी.मुल्ला और शंकरसिंह ठाकूर ने छात्रों को आशीर्वाद दिया।
कार्यक्रम के अध्यक्ष सी.एस.होसगौड़र ने अपने अध्यक्षीय भाषण में
दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा के विकास के बारे में बताते हुए सभी प्रशिक्षणार्थियों
को शुभकामनाओं के साथ प्रोत्साहित किया।इस
अवसर पर महाविद्यालय में आयोजित विभिन्न खेल-कूद
तथा संस्कृतिक प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किये गए।इस अवसर पर
पी.जी.विभाग,शिक्षा महाविद्यालय के प्रवक्तागण सभा के शिक्षणेतर कर्मचारीगण और
प्रशिक्षणार्थीगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन प्रशिक्षण महाविद्यालय की
प्रशिक्षणार्थी फातिमुन्निसा और शिवलक्ष्मी ने किया।
प्रशिक्षण महाविद्यालय की प्रवक्ता जुजु गोपीनाथ के धन्यवाद समर्पण के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ।
वार्षिकोत्सव की चित्रावाली
हिंदी-तेलुगु तुलनात्मक व्याकरण एवं आदर्श अध्यापक के गुण पर व्याख्यान संपन्न
हिंदी-तेलुगु तुलनात्मक व्याकरण एवं आदर्श अध्यापक
के गुण पर व्याख्यान संपन्न
हैदराबाद 16 अप्रैल 2013
हिंदी प्रचारक प्रशिक्षण
महाविद्यालय,दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा-आन्ध्र हैदराबाद के तत्वावधान में 16 अप्रैल 2013 को हिंदी-तेलुगु
तुलनात्मक व्याकरण एवं आदर्श अध्यापक के गुण पर हिंदी प्रेमी मंडली विजयनगर कॉलोनी
के अध्यक्ष चवाकुल नरसिंह मूर्ती का अतिथि व्याख्यान संपन्न हुआ।
नरसिंह मूर्ती ने प्रशिक्षणार्थीयों
को संबोधित करते हुए अपने व्याख्यान में हिंदी-तेलुगु तुलनात्मक व्याकरण से
संबंधित अध्यापन बिन्दुओं पर प्रकाश डाला और कहा कि अध्यापक के लिए व्यकारण अत्यंत
आवश्यक है.इसके अभाव में शिक्षण कार्य सफल नहीं हो सकता। उन्होंने यह भी स्पष्ट
किया है कि आज के बदलते परिप्रेक्ष्य में अध्यापन कार्य में बदलाव लाना अनिवार्य
है। संप्रेषणीयता और बोधगम्यता अध्ययन तथा अध्यापन
दोनों के आवश्यक तत्व है।
आरंभ में अतिथि वक्ता का परिचय
प्रचारक प्रशिक्षण महाविद्यालय की प्रवक्ता राधाकृष्ण मिरियाला ने दिया।उसके बाद
अध्यक्षीय उद्भोधन में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रमोद बालकृष्ण परीट ने आदर्श
अध्यापक के गुण एवं व्याकरण की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर मुख्य वक्ता
ने प्रशिक्षणार्थियों की जिज्ञासाओं का भी समाधान किया। कार्यक्रम में डॉ.लक्ष्मी उमाराणी
मलेंपाटि,जुजु गोपीनाथ एवं प्रशिक्षणार्थी उपस्थित रहे। प्रशिक्षण महाविद्यालय की
प्रवक्ता जुजु गोपीनाथ के धन्यवाद के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ।
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