शमशेर बहादुर सिंह
शमशेर की रचनात्मकता का लक्ष्य है - अपने आपको देख पाना। इनकी 'बात -बोलेगी' कविता इस तथ्य का उदाहरण है -
बात बोलेगी
हम नही
भेद खोलेगी
बात ही।
सत्य का
क्या रंग
पूछो,एक रंग
एक जनता का दुःख एक
हवा में उड़ती पताकायें अनेक
दैन्य दानव । क्रूर स्थिति ।
कंगाल बुद्धि : मजदुर घर भर
एक जनता का अमर वर :
एकता का स्वर
अन्यथा स्वातंत्र इति।
एवं
के संयुक्त तत्वावधान में
"शमशेर शताब्दी समारोह "
"शमशेर शताब्दी समारोह चित्रावली"
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