विश्वंबरा' संस्था की महासचिव डॉ.कविता वाचक्नवी जी की विशेष व्याख्यान !!!
दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा के उच्च शिक्षा और शोध संस्थान में डॉ.कविता वाचक्नवी जी ने समाज भाषा विज्ञान पर विशेष व्याख्यान दिया है. डॉ. वाचक्नवी जी की व्याख्यान में सभा से उनकी संबंध और शोधार्थियों को आवश्यक सूचनाएं दिए है . कविता जी ने यह बात कहें की उनके द्वारा विरचित समाज भाषा विज्ञान रंग शब्दावली -- निराला काव्य के बारे में बहुत कुछ जानकारी दिया है . उतना ही नहीं , सभा के भूत-पूर्व छात्रा के रूप में उनकी अनुभूतियों को एम्.फिल शोधार्थियों के साथ बाँट लिया है.उनके अनुभवों को बताते हुए शोधार्थियों को मार्गदर्शन दिया है . उसी समय में उनकी सुमधुर वाणी से एक गीत को गाये,,वह गीत भी सुन्दर एवं संदेशात्मक रूप में है !
डॉ. वाचक्नवी जी की परिचय डॉ. जी.नीरजा जी ने दिया.अध्यक्षीय भाषण उच्च शिक्षा और शोध संस्थान के विभागाध्यक्ष प्रो. ऋषभदेव शर्मा जी ने दिया और डॉ.वाचक्नवी जी के रचनाओं के बारे में संक्षिप्त परिचय दिया .. अंत में डॉ.गोरखनाथ तिवारी जी ने धन्यवाद समर्पण किया है !
इस सन्दर्भ में मैं एक छात्र के रूप में विभागाध्यक्ष आदरणीय महोदय प्रो. श्री.ऋषभदेव शर्मा जी को बहुत -बहुत धन्यवाद समर्पित करना चाहता हूँ ताकि इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन शोधार्थियों के लिए अत्यंत प्रेरणादायक हो सकते है .
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ऋषभ उवाच: समाजभाषिक अनुसंधान पर डॉ.कविता वाचक्नवी का व्याख्यान!
डॉ.कविता वाचक्नवी जी की रचनाएँ !
1 comment:
एक विदुशी को सुनने का अवसर आपको मिला। बधाई।
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