आदर्श समाज के लिए मूल बीज अध्यापक ही है.विभिन्न क्षेत्रों में विकास हेतु नवीन विज्ञान की सृष्टि करनेवाला सिर्फ अध्यापक ही है . वैज्ञानिक हो या अन्य क्षेत्रों में जो कुशल निपुण, सब को तैयार करनेवाले मात्र अध्यापक ही है. अत्यंत पवित्र काम है अध्यापकीय काम .इसलिए हम अध्यापक को भगवान के समान मानते हैं .
गुरु ब्रह्मा गुरुर्विष्णु : गुरुर्देवो महेश्वर:
गुरु साक्षात परब्रह्मा तस्मै श्री गुरावेनम:!!!!!!
सभी को शिक्षक दिवस की शुभकानाएँ ......
1 comment:
शुभाशीष!
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